Friday, 11 March 2011



राम कृपा भा काजू बिशेशी


सभी राम भक्तो को दास का सादर प्रणाम। निज नाथ की सुप्रेरना से पुनः मै इस पंजिका में लिखने को प्रेरित हूँ यद्यपि इस बार अपनी कोई बात नहीं लिखूंगा। इस बार तो मैं वो लिखूंगा जिसका साक्षात्कार करना ही प्रभु कृपा की अनुभूति करना है। मेरे इस लेख का विषय लखनऊ स्तिथ श्री संकटमोचन हनुमान जी एवं नीम करोरी बाबा मंदिर में हुए वार्षिक उत्सव २०११ के कुछ द्रश्य आप तक पहुचाना है। यु तो ये उत्सव बजरंगी जी की कृपा से मंदिर प्रशासन हर २६ जनवरी की शुभ तिथि को बड़े उल्लास और भक्ति से मनाता है पर दास को इस उत्सव का एक लघु अंग बनाने का सुअवसर इसी शुभ तिथि २६ जनवरी २०११ को प्राप्त हुआ।

ये उत्सव मंदिर के स्तापना दिवस के उपलक्ष में मनाया जाता है। इस उत्सव के मुख्य आकर्षण बनते हैं, मेरे प्रभु श्री संकटमोचन हनुमान जी महाराज के विग्रह की अतुलित सुन्दरता, श्री गौरी नंदन का अति सुन्दर विग्रह, श्री नीम करोरी बाबा जी का तेजोमय विग्रह, मंदिर की भव्य और मनमोहक सजावट, जिसमे राम नाम का रस घुला मिला रहता है, दूर दूर से आमंत्रित मधुर कंठ के स्वामी, जो भक्तों को हर क्षण आनंद दाई भजन अमृत का पान कराते रहते हैं मंदिर परिसर में ही होने वाला भन्दारा जिसमे सभी जन आमंत्रित होते हैं एवं एक अनोखा अनुभव जो की मिलता है पि..सी के मधुर और भक्ति मय बैंड से।

इस पुरे उत्सव का आयोजन, प्रबंधन, एवं समापन सभी कुछ मंदिर को स्वयं ही समर्पित सेवक जन ही करते हैं हनुमान जी की असीम कृपा से मुझे भी उस अतुलित राम भक्ति के सागर की कुछ बुँदे इस बार मिल गई, जिस आनंद का वर्णन मेरे लिए कठिन ही है।

प्रस्तुत है उस आनंद दाई दिन के कुछ द्रश्य




|| मंदिर का सुन्दर एवं आनंददाई प्रांगण ||

|| प्रभु की मनमोहक झांकी ||

|| भव के पार उतारने वाला धाम, प्रभु चरण ||

|| सकल विग्न हरता गणेश ||

|| भोग लगते सेवक गण ||

भंडारे का एक द्रश्य

हवन करते सेवक गण

भगवत वृग्रह का पूजन

|| हनुमान जी और सेवक दल ||

|| महाराज नीम करोरी जी ||

|| एक अन्य हनुमत विग्रह ||

|| पी.ए.सी का मधुर समूह ||

|| झूमते भक्त गन ||

|| पी.ए.सी का बैंड ||

|| भजन अमृत ||

|| आनंदित होते भक्त गन ||

|| नीम करोरी बाबा का तेजोमय विग्रह ||

|| भंडारे का द्रश्य ||

|| मंदिर के बाहर का मनमोहक द्रश्य ||

-जय श्री सियाराम-