Sunday 18 April 2010

अहिमर्दन पातालपुरी श्री हनुमान जी महाराज

आप सभी राम भक्तों को दास का सीताराम। हालही में मुझे परम कृपालु श्री हनुमान जी की कृपा से उन्ही का एक विग्रह देखने को मिला, जिसे अद्भुत कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। यह विग्रह "लेटे हुए हनुमान जी" के नाम से विख्यात है। इस विग्रह कि शोभा और सौन्दर्य, वर्णन और शब्धों से परे है, इसमें हनुमान जी महाराज लेटी हुई मुद्रा में हैं और उनके दोनो ओर राम और लक्ष्मण विराजे हैं। लेटे हुए हनुमान जी की कृपा भारत के कई स्थानों पर है, किन्तु लखनऊ में इस विग्रह के मंदिर का पुनरुद्धार और प्रचार थोड़े समय पहले ही हनुमत प्रेरणा से हो पाया है। इस मंदिर के पुनरुद्धार और संरक्षण का समस्त श्रेय श्री सुनील गोम्बर जी, उनके परिवार और जे.बी. चैरीटेबल ट्रस्ट से निरंतर संपर्क रत हनुमत भक्तों को जाता है। यह मंदिर "अहिमर्दन पातालपुरी श्री हनुमान जी महाराज" के नाम से विख्यात है और "अहिमर्दन पातालपुरी हनुमान जी सेवा ट्रस्ट लखनऊ (पंजी.)" के द्वारा संचालित होते हुए लखनऊ में स्थित डालीगंज पक्के पुल से कुछ दूरी पर स्थापित है, और यहाँ प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी महाराज का श्रृंगार उन्ही के किसी भक्त के हातों से कराया जाता है। इस मंगलकारी मंगलमय हनुमान मंदिर के बारे में विस्तार से जानकारी www.patalpurihanumanji.com पर उपलब्ध है। इसे मैं श्री वज्रांग देव हनुमान जी की मुझ दास पर असीम कृपा ही कहूँगा कि मुझे "अहिमर्दन पातालपुरी हनुमान जी मंदिर" में अप्रैल को हुए हनुमान जयंती उत्सव में जाने का निमंत्रण उन्ही के कृपा पात्र श्री सुनील गोम्बर जी से प्राप्त हुआ और मैं उस उनमोल अवसर का लाभ उठा पाया। उस उत्सव के कुछ द्रश्य मैं यहाँ पर उपलब्ध करा रहा हूँ। सभी बक्तों से दास का अनुरोध है की मंदिर जावें और हनुमान जी के दर्शन कर अपने जीवन को धन्य करें।

||मंदिर का मुख्य द्वार ||





















|| मंदिर की सीढियां ||






















|| राम और लखन जी सहित अहिमर्दन पातालपुरी श्री हनुमान जी महाराज ||





















|| श्री सुनील गोम्बर द्वारा भक्तों को प्रसाद वितरण||





















|| भजन संध्या ||





















|| जय जय श्री सीताराम ||
|| जय जय श्री अहिमर्दन पातालपुरी हनुमान जी ||

-दास-

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